() शैलों का अपने स्थान पर चटकना / टूटना ....कहलाता है.
Oभू-आकृतिक कारकों द्वारा शैलों के मलबे का परिवहन कहलाता है.
()मदा का निर्माण मल कारको दवारा नियनित होना
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Answer:
उत्तर 1
अपक्षय (Weathering) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पृथ्वी की सतह पर मौजूद चट्टानें में टूट-फूट होती है। यह अपरदन से अलग है, क्योंकि इसमें टूटने से निर्मित भूपदार्थों का एक जगह से दूसरी जगह स्थानान्तरण या परिवहन नहीं होता।
उत्तर 3(मृदा निर्माण प्रक्रिया)
मृदा निर्माण की प्रक्रिया सर्वप्रथम अपक्षय की प्रक्रिया से शुरू होती है। अपक्षय या अपरदन के कारकों का चट्टानों में विघटन होता है। चट्टान के अपक्षयित पदार्थों के रंध्रों में कुछ वायुमंडलीय गैसों, जैसे- नाइट्रोजन, ऑक्सीजन आदि का समावेश हो जाता है। वर्षा वाले क्षेत्रों में इन रंध्रों में जल प्रवेश कर जाता है जिससे इनमें कई निकृष्ट पौधे, जैसे- काई, लाइकेन उगने लगते हैं। इन निक्षेपों के अंदर कई सूक्ष्मजीव भी आश्रम प्राप्त कर लेते हैं।
जीव एवं पौधे के मृत अवशेष ह्यूमस के एकत्रीकरण में सहायक होते हैं। प्रारंभ में सूक्ष्म घास एवं फर्न की वृद्धि होती है, बाद में पक्षियों द्वारा लाए गए बीजों से वृक्ष एवं झाडि़याँ उगने लगती हैं। पौधों की जड़ें नीचे तक घुस जाती हैं। बिल बनाने वाले जानवर कणों को ऊपर लाते हैं, जिससे पदार्थों का अंबार छिद्रमय एवं स्पंज की तरह हो जाता है। इस प्रकार जल धारण करने की क्षमता, वायु के प्रवेश आदि के कारण अंततः परिपक्व, खनिज एवं जीव-उत्पाद युक्त मृदा का निर्माण होता है।
उत्तर 2