Hindi, asked by sonamashwani461, 7 months ago

शूलों का मूल नसाते हैं का क्या अर्थ है​

Answers

Answered by shishir303
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शूलों का मूल नसाते का अर्थ है...

समस्या को जड़ से खत्म कर देना।

यह पंक्तियां रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित कविता “वीर¨ से ली गई है।

यहाँ पर इन पंक्तियों में कवि ने शूलों को विपत्ति रूपी समस्या का प्रतीक बताया है, किसी भी समस्या को जड़ से खत्म कर देने से वह दुबारा उत्पन्न नही होती है। इसलिये जो वीर होते हैं, साहसी होते है, वह समस्या तो जड़ से खत्म करते हैं, ताकि वह समस्या फिर उत्पन्न ही ना हो।

इन पंक्तियों से संबंधित पद की व्याख्या इस प्रकार है...

जिन पर विपत्ति आती है, वह कभी भी घबराते नहीं है। उनके मुँह से कभी भी आह नही निकलती है।  वे संकट मुसीबतों के आगे हार नहीं मानते, ना ही मुसीबतों के पैरों पर गिर पड़ते हैं। जो भी विपत्ति या संकट पर आता है वह इसे पूरी दृढ़ता से सहते हैं और उसका मुकाबला करते हैं। इसके साथ ही वह अपने कार्य में निरंतर लगे रहते हैं। जब कोई भी संकट या विपत्ति आती है, उसको उसका समाधान करने के लिये समस्या का जड़ से निवारण करते हैं ताकि वह समस्या दोबारा उत्पन्न ना हो और वह समस्या पर इतनी हावी हो जाते हैं कि वह समस्या द्वारा उत्पन्न ही नहीं हो पाती।

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Answered by naitik90000
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Explanation:

Do You Know You Must Know

रामधारी सिंह दिनकर जी के नाम पर ही

पटना में स्टेडियम के पास एक गोलंबर है जिसका नाम दिनकर गोलंबर है ये गोलंबर रामधारी जी के नाम पर ही है।।

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