श्लोकांशमेलनं कृत्वा लिखत–
(क) त्रिशूलाग्निनागैः पृथिव्यस्त्रघोरैः नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम्।
(ख) सदा पर्वणामुत्सवानां धरेयं जगद्वन्दनीया च भूः देवगेया।
(ग) वने दिग्गजानां तथा केशरीणां क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
(घ) सुपुर्णं सदैवास्ति खाद्यान्नभाण्डे अणूनां महाशक्तिभिः पूरितेयम्।
ड़) इयं वीरभोग्या तथा कर्मसेव्या तटीनामियं वर्तते भूधराणाम्।
Answers
श्लोकांशमेलनं कृत्वा लिखत–
(क) त्रिशूलाग्निनागैः पृथिव्यस्त्रघोरैः → अणूनां महाशक्तिभिः पूरितेयम्।
(ख) सदा पर्वणामुत्सवानां धरेयं → क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
(ग) वने दिग्गजानां तथा केशरीणां → तटीनामियं वर्तते भूधराणाम्।
(घ) सुपुर्णं सदैवास्ति खाद्यान्नभाण्डे → नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम्।
(ड़) इयं वीरभोग्या तथा कर्मसेव्या → जगद्वन्दनीया च भूः देवगेया।
कुछ अतिरिक्त जानकारी :
यह प्रश्न पाठ क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमि: - पृथ्वी पर भारत - स्वर्ण - भूमि सुशोभित है से लिया गया है।
इस पाठ के रचयिता डॉ कृष्ण चंद्र त्रिपाठी है। इस पाठ में भारत के गौरव का वर्णन है। इसमें देश के खाद्यान्न के भंडार , वैज्ञानिकों , ज्ञानियों ,शिल्पकार ओ यंत्र विद्या को जानने वाले आदि लोगों का वर्णन किया गया है।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-(प्रश्नों के उत्तर एक पद में लिखिए-)
(क) इयं धरा कैः स्वर्णवद् भाति?
(ख) भारतस्वर्णभूमिः कुत्र राजते?
(ग) इयं केषां महाशक्तिभिः पूरिता?
(घ) इयं भूः कस्मिन् युतानाम् अस्ति?
(ङ) अत्र किं सदैव सुपूर्णमस्ति?
https://brainly.in/question/17988653
समानार्थकपदानि पाठात् चित्वा लिखत-(समानार्थक पद पाठ से चुनकर लिखिए-)
(क) पृथिव्याम् ………………………. (क्षितौ/पर्वतेषु/त्रिलोक्याम्)
(ख़) सुशोभते ………………………. (लिखते/भाति/पिबति)
(ग) बुद्धिमताम् ………………………. (पर्वणाम्/उत्सवानाम्/विपश्चिज्जनानाम्)
(घ) मयूराणाम् ………………………. (शिखीनाम्/शुकानाम्/पिकानाम्)
(ङ) अनेकेषाम् ………………………. (जनानाम्/वैज्ञानिकानाम्/बहूनाम्)
https://brainly.in/question/17988736
Answer:
त्रिशूलाग्निनागैः
पृथिव्यस्त्रघोरैः
नदीनां
जलं
यत्र
पीयूषतुल्यम्।