श्लोकपूर्ति कुत। [Complete the verse]
नमः शम्भवाय
शिवतराय च ।।
अथवो / OR
हि जीवति ।।
चलं वित्तं
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Answers
”ओं नमः शंभवाय च , मयोभवाय च ।
नमः शंकराय च मयस्कराय च ।
नमः शिवाय च शिवतराय च ।।”
(रुद्राष्टाध्यायी/अध्याय -5/मंत्र 41)
”रस -गानमय तुमको नमन
प्रण -प्राणमय तुमको नमन ,
हो ईश तुम ! ममधीश तुम !
कल्याणमय तुमको नमन।”
We boo to Thee ,who art All-Joy,All happiness , the dispenser of ease and Fulfiller righteous desires,All Calm and All-peace.
Om namah sambhavaya ch ,mayobhavyay ch namah shankaraya ch mayaskaraya ch namah shivaya ch , shivtaray ch.
”हम उसको प्रणाम करते हैं ,जहाँ से हमारे जीवन का आनंद स्रोत प्रवाहित होता है।
हम उसे प्रणाम करते हैं,जहाँ से हमारी कल्याण भावनाओं का अभ्युदय होता है।
हम उस परम पिता परमात्मा को प्रणाम करते हैं ,जो कल्याण रूप एवं अतिशय कल्याणमय है।”
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