शूल और फूल का क्या आशय है ?
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➲ शूल और फूल से कवि का आशय यह है कि शूल जीवन की कठिनाइयों का प्रतीक है, जबकि फूल जीवन में सुख एवं आनंद का प्रतीक है। इसलिए कवि लोगों को उन निराशा, आलस्य, कष्ट आदि से लड़कर जीवन की कठिनाइयों को दूर कर अपने जीवन में आनंद एवं सुख भरने की प्रेरणा दे रहा है।
व्याख्या ⦂
✎... ‘जागरण गीत’ कविता में कवि कहता है कि...
शूल तुम जिसको समझते थे अभी तक,
मैं फूल उनको बनाने आ रहा हूँ।
अर्थात कवि कहना चाहता है कि आलस्य, निराशा, कष्ट, तकलीफ, दुख आदि जो जीवन में शूल की तरह हैं, उन्हें अपने सामर्थ्यबल और बुद्धिबल से फूल रूपी में सुख एवं आनंद में बदल डालो।
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