India Languages, asked by ananya8839, 6 months ago

शैले शैले न माणिक्यं, मौक्तिकं न गजे गजे।
साधवो न हि सर्वत्र, चन्दनं न वने वने।
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Answers

Answered by khushibhargava1905
19

Answer:

न प्रत्येक पर्वत पर मणि-माणिक्य ही प्राप्त होते हैं न प्रत्येक हाथी के मस्तक से मुक्ता-मणि प्राप्त होती है । संसार में मनुष्यों की कमी न होने पर भी साधु पुरुष नहीं मिलते । इसी प्रकार सभी वनों में चन्दन के वृक्ष उपलब्ध नही होते ।

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Answered by swatimathur7897
0

Answer:

न प्रत्येक पर्वत पर मणि- माणिक्य ही प्राप्त होते हैं न प्रत्येक

हाथी के मस्तक से मुक्ता-मणि प्राप्त होती है । संसार में मनुष्यों की कमी न होने पर भी साधु पुरुष नहीं मिलते। इसी प्रकार सभी वनों में चन्दन के वृक्ष उपलब्ध नही होते |

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