Hindi, asked by lokendsidar501, 4 months ago

शाम एक किसान कविता का प्रतिपाद्य लिखिए ​

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Answered by ItzMissKomal
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कवि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना जी ने किसान के रूप में जाड़े की शाम के प्राकृतिक दृश्य का चित्रण किया है इस प्राकृतिक दृश्य में पहाड़ - बैठे हुए एक किसान की तरह दिखाई दे रहा है , आकाश उसके सिर पर बंधे साफे के समान , पहाड़ के नीचे बहती हुई नदी -घुटनों पर रखी चादर सी , पलाश के पेड़ों पर खिले लाल -लाल फूल -जलती अंगीठी के समान , पूर्व क्षितिज पर घाना होता अन्धकार -झुण्ड में बैठी भेड़ों जैसा और पश्चिम दिशा में डूबता सूरज -चिलम पर सुलगती आग की भाँती दिख रहा है .यह पूरा दृश्य शांत है .अचानक मोर बोल उठता है .मानों किसी ने आवाज लगायी -सुनते हो इसके बाद यह दृश्य घटना में बदल जाता है - चिलम उलट जाती है , आग बूझ जाती है , धुआं उठने लगता है सूरज डूब जाता है , शाम ढल जाती है और रात का अँधेरा छा जाता है .

Answered by vijayrana1534
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कल मेरी साड़ी के ऊपर जूस गिरे था मैं दुबारा नहाने गई थी जब मैं नहाने गई थी तब रसोड़े मैं कोन था वहां मैं थी तुम थी मैं थी तुम थी कोन था कोन था!

राशि बेन

यह राशि थी कूकर मेसे छोले निकल दिए और खाली कूकर गैस पर चढ़ा दिया चढ़ा दिया चढ़ा दिया!

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