शामनाथ का चारित्रिक विश्लेषण कीजिए
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शामनाथ भीष्म सहानी द्वारा लिखित 'चीफ की दावत' कहानी का एक मुख्य पात्र है। वह अपनी आर्थिक उन्नति के लिए अपनी नैतिक अवनति को गलत नहीं समझता है। वह उन्नति करने के लिए कड़ी मेहनत करने की जगह सबको खुश करने का मार्ग अपनाता है। वह अपनी माँ को एक बोझ समझता है और उन्हें छिपाने की कोशिश करता है।
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शामनाथ का चारित्रिक विश्लेषण इस प्रकार है...
- शामनाथ भीष्म साहनी द्वारा लिखित 'चीफ की दावत' कहानी का मुख्य पात्र है। वह एक कंपनी में अफसर के पद पर कार्यरत है। उसकी माँ उसके साथ रहती है, लेकिन वह एक स्वार्थी किस्म का पुत्र बनकर रह गया है।
- अपनी तरक्की की राह और अपनी दिखावटी आधुनिक जीवन शैली में वह अपनी माँ को रोड़ा समझता है। इस कारण अपने चीफ के घर आने पर अपनी ग्रामीण माँ चीफ से सामने नही आने को कहता है।
- जिस माँ ने उसे पाल-पोस कर, पढ़ा-लिखा कर बड़ा किया, उसी ग्रामीण प्रवृत्ति की महिला को अब वह अपनी आधुनिकता की जीवन शैली में बाधा मानता है, इसलिए वह अपनी माँ का अनादर भी कर देता है।
- शामनाथ एक स्वार्थी किस्म का व्यक्ति है। जब उसके चीफ को उसकी माँ की बनाई फुलकारी पसंद आ गई तो वह अपनी माँ की खुशामद करने लगता है क्योंकि उसे अपनी चीफ को प्रसन्न करना है।
- शामनाथ अपनी पत्नी के आगे अपनी माँ का अपमान करने से भी नहीं चूकता।
- शामनाथ आज के आधुनिक युग के पुत्रों की तरह है, जो जीवन में तरक्की करने पर अपने माँ-बाप को भूल जाते हैं।
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