श्न 05. वस्त्र बनाने की विविंग एंव निटिंग विधि की व्याख्या कीजिए ।
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बुनाई (weaving) वस्त्र बुनाई की वह विधि है जिसमें ताना एवं बाना नामक दो भिन्न तथा परस्पर लम्बवत धागों का समूह को आपस में गूंथकर वस्त्र बनाया जाता है। बुनाई के अलावा भी कई विधियों से वस्त्र बनाये जाते हैं, जैसे- निटिंग (knitting), लेस बनाना (lace making), फेल्टिंग (felting), तथा ब्रेडिंग या प्लेटिंग (braiding or plaiting)। ताना (warp) वह है जो लम्बाई की दिशा में लगता है तथा बाना (weft or filling) वह है जो चौढ़ाई की दिशा में लगता है। ताना और बाना को विभिन्न तरीकों से परस्पर गुंथा जा सकता है। वस्त्र के गुणधर्म इससे ही निर्धारित होते हैं कि ताना और बाना को किस प्रकार परस्पर बुना गया है।
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वस्त्र प्रायः करघा (लूम) पर बुना जाता है। करघा तानों को अपनी जगह पर बनाए रखता है और बानों को उनमें से होकर बुना जाता है। ताना और बाना के उपयोग से बुनाई का काम करघा के अतिरिक्त दूसरी विधियों द्वारा भी किया जा सकता है, जैसे- मेज पर बुनाई, बैक-स्ट्रैप, आदि।
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बुनाई (weaving) वस्त्र बुनाई की वह विधि है जिसमें ताना एवं बाना नामक दो भिन्न तथा परस्पर लम्बवत धागों का समूह को आपस में गूंथकर वस्त्र बनाया जाता है। बुनाई के अलावा भी कई विधियों से वस्त्र बनाये जाते हैं, जैसे- निटिंग (knitting), लेस बनाना (lace making), फेल्टिंग (felting), तथा ब्रेडिंग या प्लेटिंग (braiding or plaiting)। ताना (warp) वह है जो लम्बाई की दिशा में लगता है तथा बाना (weft or filling) वह है जो चौढ़ाई की दिशा में लगता है। ताना और बाना को विभिन्न तरीकों से परस्पर गुंथा जा सकता है। वस्त्र के गुणधर्म इससे ही निर्धारित होते हैं कि ताना और बाना को किस प्रकार परस्पर बुना गया है।
निटिंग विधि से वस्त्र निर्माण फंदे से फंदा निकालकर किया जाता है। इसमें केवल एक ही धागे से सलाइयों पर फंदे डालकर पुनः उन्हीं फंदों में फंदा फँसाकर अगली पंक्ति हेतु फंदे निकाले जाते हैं। मशीन में बुनाई हेतु एक या एक से अधिक धागों से भी फंदे बनाये जाते हैं। धागों की संख्या वस्त्र के नमूने, ‘रंगों, विविधता इत्यादि पर निर्भर करती है।निटिंग विधि से निर्मित वस्त्रों की एक ओर की सतह चिकनी होती है जिसे प्लेन स्टिच या सादी बुनाई (Plain Stich) कहते हैं। दूसरी ओर की सतह में मोती जैसे उभार होते हैं जिसे उल्टी बुनाई या पर्ल स्टिच (Purl Stich) कहते हैं। इस प्रकार निटिंग विधि से दो प्रकार के स्टिच बनाये जाते हैं- (1) सादी बुनाई (Purl Stich), (2) उल्टी बुनाई (Purl Stich) ।
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