Hindi, asked by babjeeboddeti00, 2 days ago

श्न:- 1 अधोलिखितं अपठित गद्यंशं पठित्वय प्रश्नयनयम्उत्तरयखि ननर्देशयनुसयरं लिित- (8) मयनवजीवने छयत्रजीवनम्सवयाधधकम्महत्वपूिाम्अस्तत । अस्तमन्नेव जीवने नरः भयवव जीवनत् ननमयािम् करोनत । अध्््न कयिे तत् जीवनं सयंसयररकय धिन्तयशून््ं भवनत । अत: तत् धित्तम्आनन्र्दोल्ियसेन पररपूिं भवनत । बयल््कयिे बयिकत्ोपरर संसगात् प्रभयवो ववशेषत्य दृश््ते । ्यदृश ः बयिक ः सह सः अनुिरनत तयदृशः एव सः भवनत । अत: सज्जनयम् संङ्गनत: सुिर्दय भवनत । एतत् ववपरीतम््ठर्द स: र्दष्टु बयियनयं संङ्गनत करोनत तठहा सः अवप र्दष्टुः भववष््नत । अतः छयत्रयवतथयकयिे सत्सयठहत््त् सर्दग्रन्थत् ि पिनम्अत््यवश््कम्अस्तत । ्े छयत्रजीवने सम्त् सर्दपु्ोगं कुवास्न्त सर्दयियर जीवनम्आप्नुवस्न्त ि ते एवं भयवव जीवने अवश््मेव सफियः भवस्न्त । (4) अत् गद्यंशत् समुधितं शीषाकम् लिित । (1x1=1)

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Answered by Kritika25675
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Answer:

एक गांव में उज्वलक नाम का बढ़ई रहता था । वह बहुत गरीब था । ग़रीबी से तंग आकर वह गांव छो़ड़कर दूसरे गांव के लिये चल पड़ा । रास्ते में घना जंगल पड़ता था । वहां उसने देखा कि एक ऊंटनी प्रसवपीड़ा से तड़फड़ा रही है । ऊँटनी ने जब बच्चा दिया तो वह उँट के बच्चे और ऊँटनी को लेकर अपने घर आ गया । वहां घर के बाहर ऊँटनी को खूंटी से बांधकर वह उसके खाने के लिये पत्तों-भरी शाखायें काटने वन में गया । ऊँटनी ने हरी-हरी कोमल कोंपलें खाईं । बहुत दिन इसी तरह हरे-हरे पत्ते खाकर ऊंटनी स्वस्थ और पुष्ट हो गई । ऊँट का बच्चा भी बढ़कर जवान हो गया । बढ़ई ने उसके गले में एक घंटा बांध दिया, जिससे वह कहीं खोया न जाय ।

दूर से ही उसकी आवाज सुनकर बढ़ई उसे घर लिवा लाता था । ऊँटनी के दूध से बढ़ई के बाल-बच्चे भी पलते थे । ऊँट भार ढोने के भी काम आने लगा ।

उस ऊँट-ऊँटनी से ही उसका व्यापर चलता था । यह देख उसने एक धनिक से कुछ रुपया उधार लिया और गुर्जर देश में जाकर वहां से एक और ऊँटनी ले आया । कुछ दिनों में उसके पास अनेक ऊँट-ऊँटनियां हो गईं । उनके लिये रखवाला भी रख लिया गया । बढ़ई का व्यापार चमक उठा । घर में दुधकी नदियाँ बहने लगीं ।

शेष सब तो ठीक था----किन्तु जिस ऊँट के गले में घंटा बंधा था, वह बहुत गर्वित हो गया था । वह अपने को दूसरों से विशेष समझता था । सब ऊँट वन में पत्ते खाने को जाते तो वह सबको छो़ड़कर अकेला ही जंगल में घूमा करता था ।

उसके घंटे की आवाज़ से शेर को यह पता लग जाता था कि ऊँट किधर है । सबने उसे मना किया कि वह गले से घंटा उतार दे, लेकिन वह नहीं माना ।

एक दिन जब सब ऊँट वन में पत्ते खाकर तालाब से पानी पीने के बाद गांव की ओर वापिस आ रहे थे, तब वह सब को छो़ड़कर जंगल की सैर करने अकेला चल दिया । शेर ने भी घंटे की आवाज सुनकर उसका पीछा़ किया । और जब वह पास आया तो उस पर झपट कर उसे मार दिया ।

सीख : घमंड का सिर नीचा ।

Answered by vijayaganeshanp
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sorry I can't understand hindi

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