Science, asked by yy1973831, 5 months ago

श्न-19 एक अण्डे और उसके युग्मनज के बीच में गुणसूत्र संख्या का क्या अनुपात
होगा बताईये कि अनुवांशिक दृष्टि से यह किस प्रकार अण्डे से भिन्न होता है।​

Answers

Answered by rajvanshomkar
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Answer:

आनुवंशिकी (जेनेटिक्स) जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत आनुवंशिकता (हेरेडिटी) तथा जीवों की विभिन्नताओं (वैरिएशन) का अध्ययन किया जाता है। आनुवंशिकता के अध्ययन में ग्रेगर जॉन मेंडेल की मूलभूत उपलब्धियों को आजकल आनुवंशिकी के अंतर्गत समाहित कर लिया गया है। प्रत्येक सजीव प्राणी का निर्माण मूल रूप से कोशिकाओं द्वारा ही हुआ होता है। इन कोशिकाओं में कुछ गुणसूत्र (क्रोमोसोम) पाए जाते हैं। इनकी संख्या प्रत्येक जाति (स्पीशीज) में निश्चित होती है। इन गुणसूत्रों के अन्दर माला की मोतियों की भाँति कुछ डी एन ए की रासायनिक इकाइयाँ पाई जाती हैं जिन्हें जीन कहते हैं। ये जीन, गुणसूत्र के लक्षणों अथवा गुणों के प्रकट होने, कार्य करने और अर्जित करने के लिए जिम्मेवार होते हैं। इस विज्ञान का मूल उद्देश्य आनुवंशिकता के ढंगों (पैटर्न) का अध्ययन करना है अर्थात्‌ संतति अपने जनकों से किस प्रकार मिलती जुलती अथवा भिन्न होती है।

Answered by ashishks1912
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अंडा और युग्मनज में गुणसूत्र

Explanation:

अंडा और शुक्राणु एक युग्मक हैं जिनको क्रमश: मादा एवं नर युग्मक कहते हैं, जबकि युग्मनज जिसको जायगोट कहते हैं यह दोनों के निषेचन करने के पश्चात बनता है। अर्थात युग्मनज में गुणसूत्र की संख्या युग्मक में गुणसूत्र की संख्या की दोगुनी होती है। मतलब हम यह कह सकते हैं कि जाएगोट में गुणसूत्र की संख्या अंडे में गुणसूत्र की संख्या की दोगुनी होती है इसीलिए कहा जाता है कि युग्मक हैप्लॉयड होते हैं तथा युग्मनज डिप्लॉयड होते हैं |

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