श्न 20-कबीरदास जी अथवा मीराबाई की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर
लिखिए-
(6) दो रचनाएँ (1) भावपक्ष कलापक्ष
(1) साहित्य में स्थान।
Answers
Answered by
3
Answer:
घनानंद (१६७३- १७६०) रीतिकाल की तीन प्रमुख काव्यधाराओं- रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध और रीतिमुक्त के अंतिम काव्यधारा के अग्रणी कवि हैं। ये 'आनंदघन' नाम स भी प्रसिद्ध हैं। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने रीतिमुक्त घनानन्द का समय सं. १७४६ तक माना है। इस प्रकार आलोच्य घनानन्द वृंदावन के आनन्दघन हैं। शुक्ल जी के विचार में ये नादिरशाह के आक्रमण के समय मारे गए। श्री हजारीप्रसाद द्विवेदी का मत भी इनसे मिलता है। लगता है, कवि का मूल नाम आनन्दघन ही रहा होगा, परंतु छंदात्मक लय-विधान इत्यादि के कारण ये स्वयं ही आनन्दघन से घनानन्द हो गए। अधिकांश विद्वान घनानन्द का जन्म दिल्ली और उसके आस-पास का होना मानते हैं।
Similar questions