श्न 4. भय किन-किन रूपों में सामने आता है?
Answers
भय अनेक रूपों में सामने आता है, यह रूप हैं....
साध्य, असाध्य, आशंका, कायरता आदि।
साध्य भय का वह रूप होता है, जिसमें भय का निवारण कर लिया जाता है अर्थात कुछ प्रयासों और उपायों द्वारा भय को समाप्त कर लिया जाता है।
असाध्य रूप में भय का कोई निवारण संभव नहीं हो पाता और वह वह स्थाई रूप से कायम हो जाता है। मनुष्य चाह कर भी भय से पार नही जा पाता।
कायरता वह का वह रूप है जिसमें मनुष्य में भय का सामना करने की क्षमता ही नहीं बचती है और वह के सामने हार मानकर और अपनी नियति मानकर स्वीकार कर लेता है अर्थात में भय के आगे नतमस्तक हो जाता है।
आशंका भय से पूर्व की अवस्था है। आशंका किसी आने वाली आपदा या दुख के होने की संभावना का रूप है, जो भय के रूप में मस्तक पर छाई रहती है। ये सामान्य भाव होता है, जिसमें बहुत अधिक व्याकुलता तो नही होती बस किसी संभावित दुख या संकट के आने अनुमान का भाव होता है, जो हमेशा सत्य हो ऐसा नही लेकिन लंबे समय तक मस्तिष्क पर छाये रहने की अवस्था है।
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