History, asked by vc7862961, 1 month ago

श्न 7. 'प्रकृति यहाँ एकान्त बैठि, निज रूप सँवारति,
पल-पल पलटति, छलक छन छन छवि धारति,
मानों जादू भरी, विश्व बाजीगर थैली,
खेलत में खुल परी, शैल के सिर फैली।
उपर्युक्त पंक्तियाँ किस पाठ में आई है?​

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Answered by ravikragarwal
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Answer:

दठलखलडलबल डॉ नूतन गैरोला है कि इस


aakashthakurkumar272: anwer do bhai
ravikragarwal: kiska
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