'शून्यवाद' या 'निहिलिस्ट' आन्दोलन का सूत्रधार कौन था ?
(A) तुर्गनेव
(B) कास्परोव (C) अलेक्जेण्डर II (D) इनमें से कोई नहीं
Answers
Answer:
शून्यवाद' या 'निहिलिस्ट' आन्दोलन का सूत्रधार तुर्गनेव था I
Explanation:
शून्यवाद (Nihilism) उन तमाम दार्शनिकों के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है जो मानवीय जीवन की सार्थकता से जुड़ा कोई दर्शन प्रस्तुत करना चाहते हैं।
इस शब्द का इतिहास विश्व साहित्य में अपना एक अलग ही स्थान रखने वाले उपन्यास 'पिता और पुत्र' (Fathers and Sons) से जुड़ा हुआ है जिसे महान रूसी उपन्यासकार इवान तुर्गनेव[1] ने 1861 में लिखा था।
उपन्यास का कथानक एक सामान्य परंपरागत रूसी संस्कृति वाले परिवार में उनके पुत्र के कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद एक मित्र के साथ आने पर आधारित है। यह मित्र बाज़ारोव एक ऐसा व्यक्ति है जो "कुछ भी नहीं मानता"।
इसमें बात केवल ईश्वर या पराभौतिक शक्तियों में ना मानने की नहीं है बल्कि तमाम ऐसे जीवन मूल्य जो अपने पीछे कोई अकाट्य और एक तरह से यांत्रिक उद्देश्य प्रस्तुत नहीं करते उन सभी को शून्यवाद नकार देता है अर्थात यह मानवता, परहित, मित्रता, सहअस्तित्त्व, सामाजिक व्यवस्था, प्रगतिवाद, और जीवन के सौन्दर्य जैसे तमाम उन आदर्शों को भी ठुकरा देता है जो आपसी मानवीय सहमति और मानव से मानव के प्रेम या सम्मान पर आधारित हैं
शून्यवाद' या 'निहिलिस्ट' आन्दोलन का सूत्रधार कौन था ?
इसका सही जवाब होगा :
(A) तुर्गनेव
शून्यवाद' या 'निहिलिस्ट' आन्दोलन का सूत्रधार 'तुर्गनेव' था। तुर्गनेव एक रूसी लेखक था।
व्याख्या :
जिसने अपनी शून्यवाद शब्द का सबसे पहले अपने उपन्यास फादर एंड सन्स में उल्लेख किया था। इसी उपन्यास के कारण उसको बेहद प्रसिद्धि मिली। तुर्गनेव वह एक रूसी साहित्यकार था, जिसने अनेक रूसी उपन्यास, कहानी, नाटक अनेक तरह की रचनाएं की। उसका प्रसिद्ध उपन्यास 'फादर एंड सन्स' था।शून्यवाद एक विचारधारा है, इसका अर्थ है कुछ भी नहीं। जो अपने अस्तित्व को नकारने के की विचारधारा से संबंधित है।
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