Hindi, asked by Maishwarya786, 4 months ago

श्नकनिम्न अपठित गद्यांश को पदकर एसके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर विम्बर
मनुष्य का जीवून बहुत संघर्षमय होता है। उसे पूग-पग पर कठिनाश्यों का सामना करना
पता फिर भी ईश्वर के हारा जो मनुष्यरूपी परवान इस पृषी परमानो घरी
का रूप ही बदल गया है। यह संसार कर्म करने वाले मनुष्यों के आधार पर टिका हुआ है।
देवता भी उनसे ईपया करते है। मनुष्य का जीवन कम - बल के कारण जेष्ठ । धन्य है "मनुष्य का
अंगयांग का उचित शाषक विविए
(e) मनुण्य किस कारण श्रेण माना गया है
(स) यह संसार किस आधार पूर दिण?
द देवता किनसे ईया करते हैं?
य) इस पृखी पर ईश्वर प्रदत्त वरदान म्या
है
7
C​

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Answered by nr4764177
0

Answer:

manusya Ko apna jeevaan Santi or suk Samruddhi ka saath jeena chaiye jab manusya kai pass sab kuch tab sab uskha sath daitai hai or jab uskai pass kuch nahi toh uske pass na toh uska parivaar hai

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