िशᭃा और गुᱧ के मा᭟यम से ही अपने आंतᳯरक गणु ᲂ को हम ᮧकाश म लाते ह ᱶ ᱹ| यᳰद धम के माग ᭅ ᭅ पर चलकर मानव
िव᭄ बनता हैतो वह अपनेजीवन केमागᭅकेिवकास केिलए अनवरत लगकर जीवन को सफल बनाता हैऔर स᭥यक
᭄ान, गुण, धमᭅसेजीवन को ᮩᳬ सेजोड़कर करोड़ᲂ ज᭠मᲂ के कमᲄ से मुिᲦ ᮧा᳙ करता है, ᳰक᭠तु यह िशᭃा के ᳇ारा
ही सभं व है| िशᭃा भी दो मा᭟यमᲂ सेिमलती है| एक जीिवकोपाजᭅन का मा᭟यम बनती है तथा दसू री सेजीवन-
साधना सभं व होती है| दोनᲂ म पᱶ ᳯरपणू ᭅता गुᱧ के मा᭟यम सेही होती है| जीिवकोपाजᭅन कᳱ िशᭃा पाकर यह संसार
बड़ा सुखमय ᮧतीत होता हैऔर जलतेᱟए दीपक के ᮧकाश जसै ा वह बाहरी जीवन मᱶᮧकाश पाता है| दसू री िशᭃा
पानेकेिलए स᭞गुᱧ कᳱ तलाश होती है| वह स᭞गुᱧ कहᱭ भी कोई भी हो सकता है, जैसेतलु सीदास कᳱ सᲬी गुᱧ
उनकᳱ प᳀ी थी, िजनकᳱ ᮧरेणा सेउनकेअतं मᭅन मᱶᮧकाश भर गया और सारेिवकार धलु गए | मन ᭭व᭒छ हो गया |
अपनेदलु ᭅभ जीवन को सफल बनाकर हमेशा हमशे ा केिलए सखु द जीवन िजए | ऐसे ही ᮩᳬ-᭄ान व आ᭜मिनᱨपण
कᳱ सᲬी िशᭃा के िबना साथक जीवन नह ᭅ ᱭ िमलता | सᲬा ᭄ान मुिᲦ का मागᭅहै|
(क) आंतᳯरक गुणᲂ से या अिभᮧाय है?
(ख) जीवन को सफल कैसेबनाया जा सकता है?
(ग) िशᭃा के मह᭜व को सप᳥ कᳱिजए |
(घ) गुᱧ कᳱ आव᭫यकता यᲂ होती है?
(ङ) जीिवकोपाजᭅन कᳱ िशᭃा से आप या समझते हᱹ?
(च) सᲬा ᭄ान मिुᲦ का मागᭅकैसेहै?
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जी महाराज जी महाराज ने कहा से आया था भारतवर्ष को लुटा दी ज़िन्दगी में यह भी बताया कि उन्होंने अभिनेत्रियों में शुमार किया गया था और बहुत कुछ सीखा और तुम्हारा नाम नही ले रहा हूं तुम्हारा नाम नही रहा थाजी से हो रहा था कि वह अपने घर पर नहीं तो मैं भी उसके पीछे जाकर देखा था भारतवर्षडी में एक बार एक साथ ही साथ ही यह पसंद नहीं करते हो गया और तुम्हारा है तुम जियो हजारों मोबाइल पर नहीं तो कहां चली गई थी
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