श ा और समाज दोन के वकास के लए अ नवाय ह।ैअ ान केअधंकार म जीना तो मृ युसेभी अ धक क कर ह।ै ान के काश ही जीवन केरह य खोलतेह, और हम अपनी पहचान मलती ह।ै श ा मन ुय को म त क और शरीर का उ चत योग करना बताती ह।ैवह श ा जो मन ुय को पा पु तक के ान केअ त र कुछ गभंीर चतन ना दे थ ह।ैय द हमारी श ा हम सुसं कृत एवंस च र नाग रक नह बना सकती तो उससे या लाभ? संसार केसभी वैभव और सुख साधन भी मन ुय को तब तक सखुी नह बना सकतेजब तक क मन ुय को आ म ान ना हो। स दय स चा एवंअनपढ़ मन ुय पूण प सेउस सेकह अ छा हैजो श त सा र होते ए भी नद य और च र हीन है। श त को अपनेअ धकार का यान रखनेकेसाथ-साथ अपनेकत का यान रखना चा हए। अपनेकत दा य व नभानेकेबाद ही हम अ धकार लेसकतेह। क - अ ान म जी वत रहना मृ युसेभी अ धक क कर ह|ैऐसा य कहा गया ह?ै १. ान के काश सेजीवन केरह य खुलतेह | २. ान के काश सेहम जीवन केपहचान मलती ह|ै ३.अ ान से वकास अव होता है| ४. उपयु सभी ख. श ा से या लाभ ह?ै १. सुसं कृत परंतुअस य नाग रक नाग रक का नमा ण २. स दयता एवंस य न ा का नमा ण ३. म त क एवंशरीर का उ चत योग ४. उपयु म सेकोई नह ग. अ धकार और कत का पार प रक संबधं या ह?ै १. श त को सफ अपनेअ धकार का यान रखना चा हए | २. कत और उ रदा य व नभानेकेबाद ही अ धकार ा त होतेह| ३. अ धकार पाना हर नाग रक का ज म स हक ह|ै ४. उपयु म सेकोई भी नह | घ. श ा एवंसमाज केसंपूण वकास के लए य आव यक ह?ै १.ता क हम एक सु ढ़ एवंस च र देश का नमा ण कर सक । २.ता क हम समृ केसाथ-साथ आ म ान का मह व भी जान सक । ३. श ा के काश म हम जीवन केरह य को समझ सके। ४. उपयु सभी ड. स दय स चा एवं नर र मज र कस सेबेहतर ह?ै १. पशुसे२. नातक ३. नातको र से४. उपयु सभी
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I don't understand. you please translate to English.
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