Hindi, asked by khamtajagriti, 3 months ago


प्रश्न 1. खेती-बारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी
किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे ?
उत्तर-खेती-बारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत वेशभूषा से
साधु नहीं लगते थे परंतु उनका व्यवहार साधु जैसा था। वे कबीर के
भगत थे। कबीर के ही गीत गाते थे। उनके बताए मार्ग पर चलते थे। वे
कभी भी झूठ नहीं बोलते थे। वे कभी भी किसी से निरर्थक बातों के
लिए नहीं लड़ते थे परंतु ग़लत बातों का विरोध करने में संकोच नहीं
करते थे। वे कभी भी किसी की चीज़ को नहीं छूते थे और न ही
व्यवहार में लाते थे। उनकी सब चीज़ साहब (कबीर) की थी। उनके
खेत में जो पैदावार होती थी उसे लेकर कबीर के मठ पर जाते थे। वहाँ
से उन्हें जो प्रसाद के रूप में मिलता था उसी में अपने परिवार का निर्वाह
करते थे। बालगोबिन भगत की इन्हीं चारित्रिक विशेषताओं के कारण
लेखक उन्हें साधु मानता था।​

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Answered by nikhilrai27
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Answer:

उत्तर-खेती-बारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत वेशभूषा से

साधु नहीं लगते थे परंतु उनका व्यवहार साधु जैसा था। वे कबीर के

भगत थे। कबीर के ही गीत गाते थे। उनके बताए मार्ग पर चलते थे। वे

कभी भी झूठ नहीं बोलते थे। वे कभी भी किसी से निरर्थक बातों के

लिए नहीं लड़ते थे परंतु ग़लत बातों का विरोध करने में संकोच नहीं

करते थे। वे कभी भी किसी की चीज़ को नहीं छूते थे और न ही

व्यवहार में लाते थे। उनकी सब चीज़ साहब (कबीर) की थी। उनके

खेत में जो पैदावार होती थी उसे लेकर कबीर के मठ पर जाते थे। वहाँ

से उन्हें जो प्रसाद के रूप में मिलता था उसी में अपने परिवार का निर्वाह

करते थे। बालगोबिन भगत की इन्हीं चारित्रिक विशेषताओं के कारण

लेखक उन्हें साधु मानता था।

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