शुंपीटर के आर्थिक विकास सिद्धांत की व्याख्या कीजिए
Answers
शुम्पीटर द्वारा आर्थिक विकास के विश्लेषण (Introduction to the Economic Development Model of Schumpeter)
आर्थिक विकास का चक्र (Cycle of Economic Development)
आर्थिक विकास में उपक्रमी की भूमिका (Role of Entrepreneur in Economic Development)
शुम्पीटर के संक्रांति अथवा व्यवसाय चक्र (Crisis or Business Cycle of Schumpeter)
शुम्पीटर के विकास सिद्धांत की विकासशील देशों में सार्थकता (Relevance of the Schumpeterian Development Theory in Developing Countries)
२०वी सदी में शुम्पीटर विकास मोडल के प्रथम अर्थशास्त्री माने जाते है।
Explanation:
शुम्पीटर के अनुसार - ‘‘आर्थिक विकास वृत्तीय प्रवाह में होने वाला एक आकास्मिक तथा असतत् परिवर्तन हैं। अर्थात् संतुलन की एक ऐसी हलचल है जो पूर्व स्थापित साम्य की स्थिति को सदा के लिए बदल देती है।’’
शुम्पीटर वह अर्थव्यवस्था की परिकल्पना कर के मान्यताइ बतलाई थी।
- स्थिरावस्था साम्य जहां, जहां न तो अधिक लाभ की स्थिति है और न तो हानि की स्थिति हैं न बचत है न निवेश है और न ही बेरोजगारी की स्थिति है।
- इन सारी चीजो को शुम्पीटर ने एक आर्थिक चक्र से बताया है। जो कृमिक रूप से चलता रहता है। चक्रीय प्रक्रिया में एक समान उत्पादन होता रहता है।
शुम्पीटर के अनुसार अर्थ व्यवस्था का विकास नवप्रवर्तनों पर निर्भर करता है। और नवप्रर्वतन का कार्य उद्यमी के ऊपर निर्भर करता है।