श्रृंगार रस की परिभाषा दीजिए
Answers
Answered by
2
अर्थ–नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति या प्रेम जब रस की अवस्था को पहुँचकर आस्वादन के योग्य हो जाता है तो वह 'श्रृंगार रस' कहलाता है।
Please mark my answer as the brainliest ..
Please mark my answer as the brainliest ..
Answered by
0
Explanation:
श्रृंगार रस का स्थायी भाव रति है इसके अन्तर्गत पति-पत्नी अथवा नायक नायिका के प्रेम का वर्णन होता है
Similar questions