English, asked by shivamprajapati06121, 19 days ago

श्री गर ཀུ་ EXERCISE.66 सावित्री राजा अश्वपति की इकलौती कन्या थी । वह बहुत सुन्दर थी। वह ऊँचे चरित्र की लड़की थी । एक दिन वह जंगल में से होकर जा रही थी। उसने एक लड़के को जंगल में पेड़ के नीचे देखा । वह ठहर गई । वह प्रथम दृष्टि में ही उस पर मोहित हो गई । घर आकर उसने सब बातें अपने माता-पिता से कही। इतने में नारदजी वहाँ आ गये और उन्होंने कहा, "यह युवक सत्यवान है और इस वर्ष के अन्त में मर जायेगा।" परन्तु सावित्री ने कहा, "जो भाग्य में लिखा है, वह अवश्य होगा। अतः मुझे किसी बात की चिन्ता नहीं है।" यह सुनकर माता-पिता चुप हो गये और उन्होंने सावित्री का विवाह उसकी इच्छानुसार सत्यवान से कर दिया। रा Pallin​

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वित्री राजा अश्वपति की इकलौती कन्या थी । वह बहुत सुन्दर थी। वह ऊँचे चरित्र की लड़की थी । एक दिन वह जंगल में से होकर जा रही थी। उसने एक लड़के को जंगल में पेड़ के नीचे देखा । वह ठहर गई । वह प्रथम दृष्टि में ही उस पर मोहित हो गई । घर आकर उसने सब बातें अपने माता-पिता से कही। इतने में नारदजी वहाँ आ गये और उन्होंने कहा, "यह युवक सत्यवान है और इस वर्ष के अन्त में मर जायेगा।" परन्तु सावित्री ने कहा, "जो भाग्य में लिखा है, वह अवश्य होगा। अतः मुझे किसी बात की चिन्ता नहीं है।" यह सुनकर माता-पिता चुप हो गये और उन्होंने सावित्री का विवाह उसकी इच्छानुसार सत्यवान से कर दिया

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