शेर के मुंह और रोजगार के दफ्तर में क्या अंतर है?
Answers
Answer:
Explanation:
राजा ने जनता को ऐसा हुक्म इसलिए दिया ताकि लोग राजा के अत्याचार, शोषण तथा दोहन के प्रति उपेक्षित हो जाएँ। इस तरह वह लोगों का मनचाहा शोषण कर उनसे अपने कार्य करवाता रहे। इस तरह वह लोगों का मनचाहा प्रयोग कर रहा था। दूसरे वह लोगों की एकता की शक्ति को समाप्त कर रहा था। यदि लोगों की आँखें खुली रहती, तो शायद वे अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाते और अशांति व्याप्त हो जाती। शांति के बहाने से वह उन्हें सत्य देखने से रोक रहा था।
Answer:
शेर के मुँह में समा जाने के पश्चात् जंगली जानवर उसके आहार बन जाते हैं। इसके बाद उन्हें रोजगार की आवश्यकता ही नहीं रह जाती। इसी प्रकार सरकार द्वारा संचालित रोजगार का दफ्तर बेकारों का नाम दर्ज कर उन्हें इस झाँसे में रखते हैं कि वे नौकरी पा जायेंगे किन्तु वास्तविकता इसके विपरीत होती हैं। शेर के मुँह और रोजगार के दफ्तर में बस इतना ही फर्क है।