श्री कृष्ण अपनी मां से क्या शिकायत करते हुए सेटिंग बाल सुलभ त्योहारों की झलक मिलती है विस्तार से लिखिए
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Answer:
बलराम की यशोदा से की शिकायत
भोलेपन से श्रीकृष्ण कहते है मैया इतना ही नहीं अब तो ग्वाल-बाल भी मुझे छेड़ने लगे हैं, वे मुझे बहला-फुसला कर नचाते हैं और फिर सब हंसते हैं. इतना कहने के बाद भगवान कृष्ण और क्रोध में आ जाते हैं और ताना देकर अपनी माता से कहते हैं मैया तून सिर्फ मुझे ही मारना सीखा है.
Explanation:
अर्थ :- (बालकृष्ण प्रभु माँ यशोदा से बलराम जी की शिकायत करते हुए कहते हैं की-) `मैया ! दाउ(बलराम भैया) मुझे बहुत चिढ़ाते है। मुझसे कहते हैं-`तू मोल लिया हुआ है, यशोदा मैया ने भला, तुझे कब उत्पन्न किया ।’ क्या करूँ, इसी क्रोध के मारे मैं खेलने नहीं जाता । वे बार-बार कहते हैं – `तेरी माता कौन है ? तेरे पिता कौन हैं ? नन्दबाबा तो गोरे हैं, यशोदा मैया भी गोरी हैं, तू साँवले अंग वाला कैसे है ?दाऊ जी इस इस बात पर सभी ग्वाल-बाल मुझे चुटकी देकर (फुसला कर) नचाते हैं, फिर सब हँसते और मुसकराते हैं । तूने तो मुझे ही मारना सीखा है, दाऊ दादा को कभी डाँटती भी नहीं ।’ सूरदास जी कहते हैं – मोहन के मुख से क्रोध भरी बातें बार-बार सुनकर यशोदा जी (मन-ही-मन) प्रसन्न हो रही हैं । (वे कहती हैं) `कन्हाई’! सुनो, बलराम तो चुगलखोर है, और वह आज से नही बल्कि जन्म से ही धूर्त है, श्यामसुन्दर मुझे गोधन (गायों) की शपथ, मैं तुम्हारी माता हूँ और तुम मेरे पुत्र हो ।’