श्री कृष्ण जब हस्तिनापुर युद्ध टालने के लिए जाना चाहते थे , तब युधिष्ठिर को किस बात का डर हुआ ?
विराट ने सच जान जाने पर अर्जुन के समक्ष क्या प्रस्ताव रखा ?
धनी पुरुष निर्धन भए , करें पाछिली बात | दी गई पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए -
' तुम्हारी बातें मेरी समझ में नहीं आती '- किसने किससे कहा ?
आश्विन महीने के बादलों की क्या विशेषता होती है ?
Answers
ashvin mahine ke badlo ki ye vishasta Hoti h ki vo garajhte h par barashte Nahi h
please mark me brainlist
Answer:
जब श्रीकृष्ण को खतरे का आभास हुआ तो उन्होंने किए दो बड़े कार्य, जानिए रहस्य...
अनिरुद्ध जोशी
वैसे तो महाभारत में ऐसे कई मौके आए जबकि श्रीकृष्ण की जान जा सकती थी, लेकिन उन्होंने बहुत ही चतुराई और शक्ति से खुद को बचाए रखा। एक बार वे कालयवन के चंगुल से बच निकले थे। दूसरी बार जब द्रौपदी का स्वयंवर होने वाला था, तो श्रीकृष्ण अकेले ही थे और वह भी निहत्थे अपने कट्टर दुश्मन जरासंध के पास उन्हें समझाने पहुंच गए थे। इसी तरह एक बार जब उन्हें हस्तिनापुर पांडवों का शांति प्रस्ताव लेकर अकेले ही जाना था तब उन्होंने दो कार्य किए थे। जानिए वे कार्य क्या थे?
पहला कार्य :
कौरव और पांडवों के बीच युद्ध को रोकने के अंतिम प्रयास के तौर पर भगवान श्रीकृष्ण ने हस्तिनापुर जाने का निर्णय लिया लेकिन वहां शकुनि और दुर्योधन अपनी कुटिल नीति के तहत श्रीकृष्ण को मारना चाहते थे ताकि पांडवों का सबसे मजबूत पक्ष समाप्त हो जाए।
ऐसे में श्रीकृष्ण यह जानते थे कि हस्तिनापुर में मैं यदि कहीं सुरक्षित रह सकता हूं तो वह है विदुर का घर। विदुर की पत्नी एक यदुवंशी थी। दूसरी बात यह कि विदुर का दुर्योधन और शकुनि ने कई बार अपमान किया था, तो विदुर भी कहीं-न-कहीं दुर्योधन से चिढ़ते थे। दुर्योधन ने जब विदुर का अपमान किया था तो उन्होंने भरी सभा में ही यह निर्णय ले लिया था कि यदि वो उस पर विश्वास ही नहीं करता तो वे भी युद्ध नहीं लड़ना चाहते। ऐसा कहकर विदुर में युद्ध नहीं लड़ने का संकल्प ले लिया था।
Explanation:
pls mark me as brainlist