श्री कृष्ण के अनुसार राजा सूर्य यज्ञ में क्या-क्या बाधाएं थी
Answers
Answer:
here
Explanation:
इस यज्ञ की विधी यह है की जिस किसी भी राजा को चक्रचती सम्राट बनना होता था वह राजसूय यज्ञ संपन्न कराकर एक अश्व (घोड़ा) छोड़ दिया करता था। वह घोड़ा अलग-अलग राज्यों और प्रदेशों में फिरता रहता था। उस अश्व के पीछे-पीछे गुप्त रूप से राजसूय यज्ञ कराने वाले राजा के कुछ सैनिक भी हुआ करते थे।
जब वह अश्व किसी राज्य से होकर जाता और उस राज्य का राजा उस अश्व को पकड़ लेता था तो उसे उस अश्व के राजा से युद्ध करना होता था और अपनी वीरता प्रदर्शित करनी होती थी और यदि कोई राजा उस अश्व को नहीं पकड़ता था तो इसका अर्थ यह था की वह राजा उस राजसूय अश्व के राजा को नमन करता है और उस राज्य के राजा की छत्रछाया में रहना स्वीकार करता है।
महाभारत काल में महाराज युधिष्ठिर द्वारा यह यज्ञ किया गया था।
Answer:
श्री कृष्ण ने राजसूय यज्ञ में जरासंध की बाधा बताई । उसके जीवित रहते इस प्रकार का यज्ञ करना संभव नहीं था ।