Hindi, asked by mpal25917, 10 months ago

श्राकठ इस अंग्रेजी डिग्री के अधिपति होने पर भी पाश्चात्य सामाजिक प्रथाओं
के विशेष प्रेमी न थे, बल्कि वे बहुधा बड़े जोर से उसकी निंदा और तिरस्कार किया
करते थे। दशहरे के दिनों में वे बड़े उत्साह से रामलीला में सम्मिलित होते और स्वर
किसा-न-किसी पात्र का अभिनय करते थे। प्राचीन सभ्यता का गुणगान उनकी
प्रकृति का प्रधान अंग था। सम्मिलित कुटुंब के तो वे एकमात्र उपासक थे। आजकल
स्त्रियों को कुटुंब में मिल-जुलकर रहने की जो अरुचि होती है, उसे वह जाति और
देश दोनों के लिए हानिकारक समझते थे। यही कारण था कि गाँव की ललना.
उनकी निंदक थीं। कोई-कोई तो उन्हें अपना शत्रु समझने में भी संकोच न करती
थीं। स्वयं उनकी पत्नी को इस विषय में उनसे विरोध था। यह इसलिए नहीं कि उसे
अपने सास-ससुर, देवर या जेठ आदि से घृणा थी बल्कि उसका विचार था कि यदि
बहुत कुछ सहने पर भी परिवार के साथ निर्वाह न हो सके तो आए दिन की कलह
1. दादा

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Answered by edward66
0

Answer:

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Explanation:

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