श्र
मेघ आए बड़े बन ठन के सॅवर के।
आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली,
दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगी गली-गली।
पाहुन ज्यों आए हो गॉव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन ठन के सॅवर के
पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए,
ऑधी चली, धूल भागी घाघरा उठाए,
बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की |
बरस बाद सुधि लीन्हीं-
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की ।।
Answers
Answered by
1
Answer:
ey pups hospital dp roop soak roop
Similar questions