शोर मत करो :- संस्कृत भाषायाम् अनुवादं कुरुत|
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शोर मत करो :- संस्कृत भाषायाम् अनुवादं कुरुत|
शोर मत करो
अनुवाद : अलं कोलाहलेन।
व्याख्या :
संस्कृत भाषा संसार की प्राचीनतम एवं प्रथम भाषा है। संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी है। वेदों की रचना संस्कृत भाषा में होने के कारण इसे वैदिक भाषा भी कहते हैं। सबसे पहले भारत में संस्कृत भाषा ही बोली गई थी | संस्कृत भाषा में ही ईश्वर ने वेदों का ज्ञान लिखे गए थे |
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