शारीरीक का महत्व इस विषय पर अपने विचार लिखे (स्वमत)
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शारीरिक शिक्षा का तात्पर्य शारीरिक व्यायाम, खेल और स्वच्छता में व्यवस्थित निर्देश प्रदान करने की प्रक्रिया को दर्शाता है। यह शब्द आमतौर पर स्कूल और कॉलेजों में शारीरिक शिक्षा कार्यक्रमों के लिए उपयोग किया जाता है।
इस शिक्षा का उद्देश्य एक छात्र को स्वस्थ शरीर, मन और आचरण का प्रशिक्षण देना है। स्वस्थ शरीर में एक स्वस्थ मन रखने के लिए, एक छात्र को नियमित शारीरिक व्यायाम की आवश्यकता होती है।
स्कूल की पढ़ाई के बाद छात्रों के मस्तिष्क थके हुए हो जाते हैं। उनका मन कोई भी काम करने से इनकार करता है इसलिए, मनोदशा और मन की ताज़गी के लिए, उन्हें शारीरिक और मानसिक कार्यों के कुछ संगठित रूपों की आवश्यकता होती है।
शारीरिक शिक्षा, आधुनिक शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लगभग हर स्कूल में एक खेल का मैदान होना चाहिए। लगभग हर स्कूल में एक खेल का मैदान और एक दो समूह होने चाहिए, आधुनिक स्कूल और कॉलेजों में, कक्षा के कार्य के बाद, छात्र विभिन्न खेलों में शामिल होते हैं। छात्रों को आम तौर पर सभी प्रकार की शारीरिक गतिविधियों सिखायी जाती है और वे उनमें बहुत रुचि लेते है।
फिज़िकल एजुकेशन ना सिर्फ छात्र जीवन बल्कि सभी लोगों के जीवन मे बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह नौकरी और व्यापार के मानसिक तनाव को भी दूर करता है। इससे स्वास्थ्य बेहतर रहता है और मन तानों ताज़ा रहता है। साथ ही काम मे मन बना रहता है। जो छात्र अपने स्कूल और कॉलेज के समय शारीरिक शिक्षा को नियम अनुसार पालन करते हैं वह इसका महत्व जीवन भर समझते हैं।
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