श्रीराम राजू ने अंग्रेजों के सामने समर्पण क्यों किया?class 8 DAV
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(क) आंध्र के घने जंगलों में रहने वाले आदिवासियों पर अंग्रेज़ों ने हुक्म जमाने के लिए कहा कि दो दिनों में जंगल में सड़क बनाने का काम शुरू होगा। सब को पहुँचना है, जो नहीं पहुँचेगा तो ठीक नहीं होगा। "उन्होंने पूछा इसके बदले क्या मिलेगा तो अंग्रेज़ों का जवाब था नौकर का काम हुक्म बजाना है। आगे सवाल मत करना।" इस तरह से वह अपना हुक्म चलाते थे।
(ख) श्रीराम राजू हाई स्कूल पास 18 वर्ष में साधू बन गए थे। वह उन जंगलों में रहने आए और आदिवासियों से घुल-मिल गए। आदिवासियों का दुख देखकर उन्होंने अंग्रेज़ों के खिलाफ़ विद्रोह शुरू कर दिया और आदिवासी भी दिल खोलकर उसमें शामिल हुए। परन्तु दो वर्ष तक कठिनाइयों का सामना करते रहने पर आदिवासी परास्त हो चुके थे। राजू ने सोचा यदि मैं आत्म समर्पण कर दूँ तो अंग्रेज़ इन्हें तंग करना बंद कर देंगे। यही सोचकर उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया।
(ग) अंग्रेज़ों से लड़ने के लिए कोया आदिवासी संकरी पगडंडियों के आसपास जंगलों में छिपे रहते थे। उन पगडंडियों से जब अंग्रेज़ी सेना गुजरती थी, तो वह उनमें से भारतीयों सेना के लोगों को जाने देते थे और जैसे ही अंग्रेज़ी सारजेन्ट या कैप्टन आ रहा होता था, तो उसे मार देते थे। पुलिस चौकियों या सेना पर हमला कर देते थे और अस्त्र-शस्त्र लूट कर भाग जाते थे।
यह लड़ाई अंग्रेज़ों के अत्याचारों के विरूद्ध थी। वे अंग्रेज़ी राज्य को हटाना चाहते थे इसलिए इसे स्वतंत्रता संग्राम भी कह सकते हैं।