श्रीराम-वंदना
पूरण पुराण अरु पुरुष पुराण परिपूरण,
बतावै न बतावै और उक्ति को।
दरसन देत जिन्हें दरसन समुहीन,
नेति नेति कह बेद गडि भेद जुक्ति को।
जानि यह केशोदास अनुदिन राम राम,
रटत रहत न डरत पुनरुक्ति को।
रूप देहि अणिमाहि, गुन देई गरिमाहि,
भक्ति देई महिमाहि, नाम देई मुक्ति को। iska matlab
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