श्री सुरयेकान्त त्रिपाठी द्वारा रचित कविता 'उत्साह 'की सार्थकता स्पष्ट करे
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नमस्ते दोस्त|
▪कभी बादल को क्रांति का सूत्रधार मानते हैं वह उससे पुरुष दिखाने की कामना करते हैं इसलिए कभी बादल को बरसने बरसने के लिए बुलाते हैं की फुहार छोड़ने रिमझिम बरसने या केवल बरसने के लिए कविता को तथा दुखों को दूर करने के लिए क्रांतिकारी शक्ति की अपेक्षा करते हैं |
▪कविता का शीर्षक उत्साह इसलिए रखा गया है क्योंकि यह बादल की गर्जन तथा उल्लंघन से मेल खाता है | बादल में भीषण गति होता है उसी से वह धरती की ताप पड़ता है कभी ऐसे ही गति भरना तर्कशक्ति चाहते हैं |
▪उत्साह एक प्रतीकात्मक कविता है इस में बादल को प्रतीक के रूप में दिखाया गया है कभ बादल से निवेदन करता है कि वह हर आसमान को घेरकर छा जाए वह बच्चों के घुंघराले कारण के सामान आकाश में फैल जाए वह संघर्षशील कभी की तरह जन जीवन में नया उत्साह भर दे वली विद्युत शक्ति से समाज में गरजे बरसे और जोश का संचार करें |
आशा करता हूं यह आपकी सहायता करेंगे |
▪कभी बादल को क्रांति का सूत्रधार मानते हैं वह उससे पुरुष दिखाने की कामना करते हैं इसलिए कभी बादल को बरसने बरसने के लिए बुलाते हैं की फुहार छोड़ने रिमझिम बरसने या केवल बरसने के लिए कविता को तथा दुखों को दूर करने के लिए क्रांतिकारी शक्ति की अपेक्षा करते हैं |
▪कविता का शीर्षक उत्साह इसलिए रखा गया है क्योंकि यह बादल की गर्जन तथा उल्लंघन से मेल खाता है | बादल में भीषण गति होता है उसी से वह धरती की ताप पड़ता है कभी ऐसे ही गति भरना तर्कशक्ति चाहते हैं |
▪उत्साह एक प्रतीकात्मक कविता है इस में बादल को प्रतीक के रूप में दिखाया गया है कभ बादल से निवेदन करता है कि वह हर आसमान को घेरकर छा जाए वह बच्चों के घुंघराले कारण के सामान आकाश में फैल जाए वह संघर्षशील कभी की तरह जन जीवन में नया उत्साह भर दे वली विद्युत शक्ति से समाज में गरजे बरसे और जोश का संचार करें |
आशा करता हूं यह आपकी सहायता करेंगे |
Anonymous:
i dont know hindi friend
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