शीर्षक कविता हमारी नींद का भावार्थ लिखें
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शीर्षक कविता हमारी नींद का भावार्थ लिखें :
कविता हमारी नींद वीरेन डंगवाल द्वारा लिखी गई गई | कविता में कवि ने नींद के बारे में बताया गया है | जब मनुष्य सोया रहता है , तब दुनियां में बहुत कुछ हो जाता है | जब हम सोए हुए थे , बोए हुए पेड़ के बीच बाहर निकल आ गए थे | हम अपने जीवन में सोए हुए है , उसके बाद भी हमें कर्म करने पड़ते है |
गरीबों के साथ आए दिन अत्याचार होते है ,तब भी वह सोए रहते है | वह अशिक्षित होने के कारण वह आवाज नहीं उठाते है | हमारी नींद के बाबजूद भी ,जीवन हमेशा आगे बढ़ता ही जाता है | अभी कुछ लोग है , है जो इनके विरोध में आवाज उठाते है |
गरीब लोगों के साथ इतना अत्याचार हुआ , यह सोए रह गए है| जिस दिन यह लोग जागेंगे उस दिन अत्याचारों को सबक सिखा कर रहेंगे |
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