Hindi, asked by roshansagar69, 2 days ago

शीर्षक - पिता जी की सीख
प्रारंभ - चंदन द्वारा स्थिति की गंभीरता को नहीं समझना
विकास - पिता जी को चंदन को समझाना और सीख देना
मध्य - अपनी मूर्खता से मुसीबत में पड़ना
चरम - पिता जी की सीख से मुसीबत से बाहर निकलना
अंत - अपनी गलती से सबक लेना​

Answers

Answered by itzmecutejennei
2

Answer:

शीर्षक - पिता जी की सीख

प्रारंभ - चंदन द्वारा स्थिति की गंभीरता को नहीं समझना

विकास - पिता जी को चंदन को समझाना और सीख देना

मध्य - अपनी मूर्खता से मुसीबत में पड़ना

चरम - पिता जी की सीख से मुसीबत से बाहर निकलना

अंत - अपनी गलती से सबक लेना

Answered by anishkumarsingh2022
3

Answer:

जीवन में कभी परेशान नहीं होता

पूरा सारे अरमान करता।

जो पिता की सीख याद रखता।

वो सबके लिए एक सिख बन जाता

खुशियां उसकी कदम चूमतीं

हर चाहत उसकी मुठ्ठी में बसती।

जीवन का खेल वो लेता जीत।

सब बन जाते उसके मनमीत।

हर पाल खुशी की गीत गाता

जो चाहता वो उसका हो जाता।

जीवनविजय विश्वविजय हो जाता।

सारी दुनियां उसका घर हो जाता।

सभी का वो प्यार है पता।

पिता की सीख हर मोड़ पर,

काम आता।

जीवन पर्यंत आनंद ही आनंद

पता।

जीवन उसका सफल हो जाता।

जीवन सफ़ल हो जाता।

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