श्रुत्वा, परित्यज्य इति पदस्य धातु: प्रत्यय लिखत। please help me fri
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गम् धातु - गम् एक धातु है। धातु को आप एक मूल शब्द की तरह समझिए। इस एक गम् शब्द से बहुत सारे शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे गच्छामि, गच्छसि, गच्छति, आच्छामि आदि। ये सब शब्द धातु के पहले उपसर्ग (Prefix) और प्रत्यय (Suffix) लगाने से बने हैं। इसी प्रकार हम दो या दो से अधिक धातुओं को मिलाकर और फिर उपसर्ग और प्रत्यय लगाकर अनेकोंअनेक शब्द बना सकते हैं। फिलहाल के लिए इस स्पष्टीकरण को समझें, धातु के ऊपर हम फिर विसतार से चर्चा करेंगे।
पुरुष
संस्कृत वाक्य बनाने से पहले मैं आपको उत्तम मध्यम और प्रथम पुरुष की जानकारी देना चाहता हूँ।
प्रथम पुरुष
जब श्रोता के अतिरिक्त किसी अन्य पुरुष के लिए बात करी जा रही हो तो उसे प्रथम पुरुष कहते हैं। जैसे- वह, वे, उसने, यह, ये, इसने, आदि। जैसे – वह लडका जा रहा है, वह 2 चीज़े वहाँ पड़ी हैं, उसन सब ने हाथ में फल लिए हुएँ हैं।
मध्यम पुरुष
जब बोलने वाला श्रोता के लिए बात कर रहा हो, उसे मध्यम पुरुष कहते हैं। जैसे - तू, तुम, तुझे, तुम्हारा आदि। जैसे – तुम क्या करते हो, तुम कहाँ जाते हो, तुम्हारा क्या नाम है, तुम दोनो क्या कर रहे हो, तुम सब भागते हो।
उत्तम पुरुष
जब बोलने वाला अपने लिए बोल रहा हो उसे उत्तम पुरुष कहते है। जैसे - मैं, हम, मुझे, हमारा आदि। जैसे – मैं खाता हूँ, मैं वहाँ जाता हूँ, मैं सोता हूँ, हम सब लिखते हैं, हम दोनो खुश हैं।
Explanation:
Hope it was helpful