श्रम का महत्व अनुच्छेद
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Answer:
अगर एक मनुष्य को जीवन में सफल बनना है तो उसे श्रम करना आवश्यक है l श्रम किसी व्यक्ति विशेष के आधार पर नहीं होता है पर यह पूरे समाज को श्रम करने की आवश्यकता होती है l
बिना श्रम के निष्ठावादी या कर्तव्य परायण नहीं बन सकते l
आजकल राम के बिना कोई भी मनुष्य इस समाज के नहीं टिक पाता l
श्रम की जीवन का एकमात्र आधार है जिसके सहारे मनुष्य अपने जीवन में कुछ सफलता प्राप्त कर सकता है l
श्रम की महत्वता शब्दों में वर्णन नहीं की जा सकती इस क्योंकि इस की महत्वता बहुत ज्यादा है और मनुष्य के जीवन के हर स्तर पर इसकी महत्वता होती है l उस मनुष्य मेश्राम करने की चाह होनी चाहिए क्योंकि जहां चाहा है वही रहा है l
राम हमें यह भी सिखाता है कि बिना एक दृढ़ संकल्प के कोई भी मनुष्य सफल नहीं हो पाता l जीवन में अगर सफलता प्राप्त करना है कि श्रम बहुत ही महत्वपूर्ण है l
महिला हो या पुरुष सब कुछ काम करने की आवश्यकता होती है l
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धन्यवाद
Explanation:
इस संसार में आपको हर एक चीज मिल जाएगी लेकिन उसके लिए आपको मेहनत करनी पड़ेगी, आप श्रम करोगे तो आपको फल जरुर मिलेगा। अगर आपके श्रम सही हुए तो आप भगवान को भी धुंड सकते है। आज हम श्रम का महत्व इस विषय पर हिंदी निबंध लेकर आए है।
This image show a man working hard and built house and is been used for hindi essay on shram ka mahatva
श्रम का महत्व।
श्रम ही परमेश्वर है, अगर आप मेहनत करोगे तो आप इस संसार में जो चाहे वह आप पा सकते है आपको बस सही परिश्रम करने होंगे। कहते हैं ना "ढूंढने से तो भगवान भी मिल जाता है"। परिश्रम करने से ही कोई भी व्यक्ति सफल होता है, इस बात के कितने सारे उदाहरण है।
फ्रेंच सेनापति नेपोलियन बोनापार्ट एक साधारण शिपाई था उसने अपने अपार परिश्रम के कारण अजिंक्यपद प्राप्त किया था। इससे हमें मालूम पड़ता है अगर कोशिश करोगे तो इस दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं।
अगर आपको जीवन में कुछ करना हो और उस कार्य के बारे में आप केवल सोचते रहे और कुछ नहीं किया तो वह कार्य कभी भी सफल नहीं होगा, अगर आपने उस कार्य को करने के लिए परिश्रम किए तो आपको निश्चित ही उस कार्य का योग्य फल मिलेगा।
हमारा भारत देश पर डेढ़ सौ वर्ष तक अंग्रेजों का राज था। भारतीयों ने डेढ़ सौ वर्ष तक अंग्रेजों की गुलामी की पर जब सारी जनता एक हुई और योग्य परिश्रम किए तभी हमारे देश को आजादी मिली।
चांद पर उपग्रह भेजने के लिए कितनी सारी असफलताएं झेलने पड़ी परंतु निरंतर श्रम करने के कारण मनुष्य चांद पर उपग्रह भेजने में कामियांब हो गया, मानव को अपने श्रम का फल मिल ही गया।
शेरपा तेरसिंग ने गौरिशिखर पर सफल चढ़ाई की, पर चढ़ाई सफल होने के पहले न जाने वोह कितनी बार असफल हुआ पर उसने अपनी उमिद नहीं छोड़ी और इतनी असफलताओं के बाद उसे अपने कष्ट का फल मिल ही गया।
अगर परिश्रम करोगे तो आपको अपने श्रम का फल जरूर मिलेगा इसमें कोई संदेह नहीं है। इसीलिए आपको आपका कोई भी कार्य करने केलिए खूब कष्ट करने चाहिए क्योंकी श्रम का जीवन में काफी बड़ा महत्व है।
समाप्त।