श्रम से देश की उन्नति किस प्रकार हो सकती है?
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¿ श्रम से देश की उन्नति किस प्रकार हो सकती है ?
✎... श्रम से देश की उन्नति इस प्रकार हो सकती है कि श्रमजीवी ही देश की उन्नति का सबसे बड़ा वाहक है। देश की उन्नति के लिए विकास कार्यों की आवश्यकता है। विकास कार्यों को अंजाम देने के लिए योजनाएं बनानी पड़ती हैं, उनका क्रियान्वयन करना पड़ता है। योजनाओं के क्रियान्वयन करने के लिए श्रम करना पड़ता है, तभी हम अपने लक्ष्य तक पहुंच पाते हैं। किसी भी कार्य की सिद्धि श्रम लगाकर ही प्राप्त होती है।
श्रम उस ईंधन की भांति है, जो देश रूपी गाड़ी को विकास के पथ पर सरपट दौड़ाता है। जहां पर श्रम नहीं होगा, आलस होगा, वह देश-समाज कभी उन्नति नहीं कर सकता। जिस समाज में श्रमजीवी लोग हैं, वह समाज देश निरंतर प्रगति करता रहता है। इसलिए श्रम से ही देश की उन्नति हो सकती है।
श्रम से ही कृषि फलती-फूलती है, श्रम से ही उद्योग धंधे पनपते हैं, सड़कों का निर्माण होता है, उत्पादन होता है। हर उन्नति-विकास के कार्य में श्रम ही लगता है। बिना श्रम के कोई भी उन्नति का कार्य नहीं संभव नहीं, इसलिए श्रम से ही देश की उन्नति हो सकती है।
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