History, asked by renuhanotia, 6 months ago

शेरशाह की शासन व्यवस्था का भारतीय इतिहास में क्या योगदान है?

Answers

Answered by kyabhai634
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Answer:

शेरशाह ने मानक सिक्कों का विकास किया जो सोने, चाँदी एवं ताँबे के बने होते थे। उसने 167 ग्रेन के सोने के सिक्के जारी किए, जो अशर्फी के नाम से जाना जाता है। उसने 180 ग्रेन के चाँदी के सिक्के, जिसमें 175 ग्रेन शुद्ध चाँदी थी, जारी किए। ... उसने 322 ग्रेन के ताँबे के सिक्के भी जारी किए, जो दाम के नाम से जाना जाता था।

Answered by pratyush15899
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Explanation:

उत्तर:

शेरशाह सूरी-शेरशाह सूरी मध्यकालीन भारतीय शासकों में अपना विशेष महत्त्व रखता है। उसने केवल पाँच वर्ष ही शासन किया था, परन्तु इस अल्पकाल में उसने साम्राज्य का विस्तार करने के साथ-साथ उच्चकोटि की प्रशासन व्यवस्था को भी कुशलतापूर्वक लागू किया था। शेरशाह ने जनता के हितों को सर्वोपरि रखा तथा कुशल प्रशासन की नींव रखी जिसका लाभ मुगलों को मिला। उसके प्रमुख कार्य निम्न प्रकार हैं –

  • सैनिक प्रशासन, न्याय व्यवस्था एवं भू-राजस्व के क्षेत्र में अनेक कार्य प्रारम्भ किये जिनका अनुसरण बाद में अकबर ने किया।

  • शेरशाह ने अपने साम्राज्य को ‘सरकारों’ एवं सरकारों को ‘परगनों’ में विभाजित किया।

  • जनसाधारण की सुविधा के लिए शेरशाह ने चार प्रमुख सड़कों का निर्माण करवाया-ग्राण्ड ट्रंक रोड, आगरा-बुरहानपुर, आगरा-चित्तौड़-जोधपुर तथा लाहौर-मुल्तान।

  • शेरशाह ने सड़कों के दोनों और छायादार वृक्ष लगवाये तथा दो-दो कोस की दूरी पर सरायों का निर्माण करवाया।

  • शेरशाह ने शिक्षा के प्रसार के लिए मकतब तथा मदरसों की स्थापना करवायी।

  • अनाथ तथा निर्धनों के लिए नि:शुल्क भोजन हेतु लंगर खोले गये।

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