Hindi, asked by bidyarani2572, 2 months ago

श्रध्दा कुलकर्णी, पृथ्वी अॅकॅडमी, वारणा के व्यवस्थापक को पत्र लिखकर गणेशोत्सव के अवसर
पर चार दिन की छुट्टी की माँग करते हए पत्र लिखता / लिखती है।​

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Answered by py5024131
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Answer:

गणेशोत्सव मतलब हर तरफ हर्ष, उल्हास और उत्साह का माहौल होता है। पर इस साल कोरोना के कारण गणेशोत्सव मनाने पर कई सारे निर्बंध और सीमाएं आ गई है किंतु, प्रशासन द्वारा दिये गए निर्देशों को ध्यान में रखते हुए और सभी मर्यादाओं पे विजय प्राप्त करते हुए हिंदुस्तान के पहले सार्वजनिक गणपती श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपती ट्रस्ट की ओर से 121वें वर्ष के अवसर पर पुणे समेत दुनियाभर के गणेशभक्तों के लिये पहली बार ‘ऑनलाईन सांस्कृतिक महोत्सव’ का आयोजन किया गया है। यह जानकारी श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट के उत्सव प्रमुख श्री. पुनीत बालन और अन्य पदाधिकारीयों ने पत्रकार सम्मेलन में दी ।

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पुणे श्रमिक संघ में हुए इस पत्रकार सम्मेलनमें पुनीत बालन के साथ-साथ श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी ट्रस्ट के अध्यक्ष संजीव जावळे, उपाध्यक्ष बाळासाहेब निक, सचिव दिलीप आडकर, लीड मीडिया के विनोद सातव आदी गणमान्य उपस्थित थे। ‘ऑनलाईन सांस्कृतिक महोत्सव’ के बारे में बात करते समय श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपती ट्रस्ट के उत्सव प्रमुख श्री. पुनीत बालनने कहा, 'श्री गणराय का आगमन समाज में खुशी, उत्साह और कायाकल्प का उत्सव है।'

वर्तमान स्थिती में कोरोना संक्रमण ने समाज में निराशा का वातावरण पैदा कर दिया है, भगवान गणेश के आगमन से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा पैदा होगी। पुणे देश की सांस्कृतिक राजधानी है, पुणे ने दुनिया को सार्वजनिक गणेशोत्सव दिया, वह गणेशोत्सव अपने रचनात्मक कार्यों के लिए जाना जाता है। कोरोना की पृष्ठभूमी पर पुलिस और नगर निगम प्रशासन द्वारा किये गये आवाहन का सम्मान कर प्रतिसाद देते हुए ट्रस्ट की ओर से रचनात्मकता को आधुनिकता की जोड़ देते हुए गणेशोत्सव के अवसर पर पहले ‘ऑनलाईन सांस्कृतिक महोत्सव’ का आयोजन किया गया है। आशा है कि इस रचनात्मक पहल को विश्व स्तर पर नोट किया जाएगा।

हर साल गणेशोत्सव के अवसर पर, देश-विदेश के गणेश भक्त पुणे आते हैं, यह शहर सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भरा होता है। लेकिन, इस साल ये संभव नहीं, इसी के चलते हिंदुस्तान के पहले सार्वजनिक गणपती श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपती ट्रस्ट की ओर से पहले ‘ऑनलाईन सांस्कृतिक महोत्सव’ का आयोजन किया गया है। इस महोत्सव में जाने-माने गायक और संगीतकार शंकर महादेवन के संगीत समारोहों की एक किस्म होगी। प्रशंसक शास्त्रीय गायक राहुल देशपांडे के विशेष गायन का आनंद ले सकेंगे। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तबला वादक पद्म श्री पं. विजय घाटे, बांसुरी वादक राकेश चौरसिया की जुगलबंदी अविस्मरणीय होगी।

इसके अलावा, प्रसिद्ध गायक, संगीतकार डॉ. सलील कुलकर्णी द्वारा सुमधुर गीतों का एक संगीत कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जाने-माने लोक कलाकार नंदेश उमप और गणेश चंदनशिवे इस सांस्कृतिक उत्सव में लोक कला और लोक गीतों के विभिन्न रंगों का प्रदर्शन करेंगे। युवा लिटिल चँप्स के तौर पर प्रख्यात युवा गायक प्रथमेश लघाटे, कार्तिकी गायकवाड, मुग्धा वैशंपायन और स्वरभास्कर पं. भीमसेन जोशी के पोते विराज जोशी का संगीत कार्यक्रम गणेश भक्तों का दिल जीत लेगा। समारोह में गणेशोत्सव पुणे के मेयर

पुणे श्रमिक संघ में हुए इस पत्रकार सम्मेलनमें पुनीत बालन के साथ-साथ श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी ट्रस्ट के अध्यक्ष संजीव जावळे, उपाध्यक्ष बाळासाहेब निक, सचिव दिलीप आडकर, लीड मीडिया के विनोद सातव आदी गणमान्य उपस्थित थे। ‘ऑनलाईन सांस्कृतिक महोत्सव’ के बारे में बात करते समय श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपती ट्रस्ट के उत्सव प्रमुख श्री. पुनीत बालनने कहा, 'श्री गणराय का आगमन समाज में खुशी, उत्साह और कायाकल्प का उत्सव है।'

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