श्रव्य संचार माध्यम के अंतर्गत तरंगों के
अंतराल को कितने भाणे में बाटा गया है
उनके
नाम लिखे
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श्रव्य संपादन का अर्थ है कि जिस तरह से समाचार पत्र में समाचार को सही रूप देने के लिए संपादन करना आवश्यक है ठीक उसी प्रकार से आवाज़ को असली रूप देने के लिए श्रव्य संपादन करना भी जरूरी है। कयोंकि ऐसा करने से अवांछनीय ध्वनि हटाई जाती है। जब भी हम किसी प्रसारण के लिए आवाज़ रिकोर्ड करते हैं तो उस समय तीन बातों का ध्यान रखा जाता है 1 शब्द 2 ध्वनि 3 मौन किसी भी तरह की आॅडियो आवाज़ क्यों न रिकोर्ड की जाए उसके लिए आवश्यक है इन तीनों बातों का ध्यान रखना । इसलिए श्रव्य संपादन करना भी जरूरी है।
आशा है कि यह आपकी मदद करता है
धन्यवाद
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