श्रवण कौशल क्या है? समझाइये।
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✎... श्रवण कौशल से तात्पर्य किसी के वाचन को सुनने अर्थात किसी की बात को सुनने, उसे सुनकर उसके अर्थ एवं भाव को समझने के कौशल से होता है। एक अच्छे श्रवण कौशल को विकसित करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है...
- श्रवण कौशल के लिए दूसरों की बात को ध्यान पूर्वक सुनना पड़ता है।
- सामने वाला व्यक्ति जो शब्दों का जो उच्चारण कर रहा है, उनकी शुद्ध उच्चारण से तुलना कर उनका अनुकरण करना पड़ता है।
- शुद्ध उच्चारण के अनुसार शब्द का अर्थ समझने की योग्यता विकसित करना होता है।
- श्रवण कौशल में वक्ता के मनोभावों को समझने में भी निपुण बनना पड़ता है ताकि उसके मनोभावों के अनुसार प्रत्युत्तर दिया जा सके।
- श्रवण कौशल में ध्वनियों के बीच विभेदीकरण की क्षमता विकसित करना आना चाहिए।
- एक अच्छे श्रवण कौशल के लिए शब्दशब्द ज्ञान भंडार की विस्तृत होना बेहद आवश्यक है।
- अच्छे श्रवण कौशल के लिए सामाजिक व्यवहार बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि श्रवण एवं वाचन का निरंतर अभ्यास हो सके।
- श्रवण कौशल में भाषा कौशल भाषा पर भी अच्छी पकड़ होनी आवश्यक है।
श्रवण कौशल विकसित करने के लिए निम्नलिखित विधियों का प्रयोग किया जा सकता है...
- भाषण विधि
- प्रश्नोत्तर विधि
- वाद-विवाद विधि
- सस्वर पाठ विधि
- नाटक मंचन विधि
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Explanation:
श्रवण कौशल
किसी का वाचन सुनने और सुनकर अर्थ एवं भाव को समझने की क्रिया श्रवण कौशल कहलाती है।
श्रवण कौशल के उद्देश्य
दूसरों की बात को ध्यानपूर्वक सुनने की आदत डालना।
दूसरे के द्वारा किए गए उच्चारण को सुनकर शुद्ध उच्चारण का अनुकरण करना।
शुद्ध सामग्री का अर्थ समझने की योग्यता विकसित करना।
वक्ता के मनोभावों को समझने में निपुण बनना।
ध्वनियों का विभेदीकरण करने की क्षमता विकसित करना।
छात्रों में शब्द भण्डार की वृद्धि करना।
समाज, व्यवहार, जीवन सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना।
श्रवण कौशल की विधियाँ
सस्वर पाठ
प्रश्नोत्तर विधि
वाद-विवाद विधि
भाषण विधि
नाटक मंचन