Hindi, asked by sriramulumca9062, 10 months ago

शासकीय पत्र का प्रारूप ( shaskiya patra )

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प्रेषक¸                                                                                            सं0 527/प/68-2018

श्री प्रभुदयाल¸ आई0ए0एस0

सचिव¸उत्तर प्रदेश शासन

उद्योग विभाग

सेवा में¸

समस्त जिलाधिकारी

लखनऊ¸

दिनांक 22 जनवरी 2018

विषय :  खनन नियमावली में संशोधन

महोदय¸

मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के उपखनिज-क्षेत्रों के दोहन हेतु उन्हें नीलामी सह निविदा प्रणाली पर दिये जाने के स्थान पर पट्टा प्रणाली लागू करने का निर्णय किया है। नदी¸नालों के उपखनिजों के पट्टे सामाजिक एवं शेक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों मल्लाह¸बिन्द¸निषाद जो परम्परागत रूप से इस कार्य में लगे हैं¸- को खनन पट्टा प्रणाली से स्वीकृत किये जायेंगे।

     अवैध रूप से खनन करने वालों अथवा खनन माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिला-प्रशासन की होगी।

     पट्टा देते समय गत तीन वर्षों से प्राप्त औसत आय अथवा प्राप्त अधिकतम आय¸ जो भी अधिक हो¸ को 15 प्रतिशत बढ़ाकर पट्टा धनराशि का निर्धारण किया जायेगा। एक व्यक्ति को एक से अधिक पट्टा स्वीकार नहीं किया जाएगा। मशीनों का उपयोग भी प्रतिबंधित होगा। खनन पट्टों की अवधि सामान्यतः तीन वर्ष से पाँच वर्ष होगी। पट्टे का नवीनीकरण केवल एक बार इतनी ही अवधि के लिए हो सकता है।

आपसे अनुरोध है कि खनन-पट्टा सम्बन्धी नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।

Answered by arnav134
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प्रेषक¸ सं0 527/प/68-2018

श्री प्रभुदयाल¸ आई0ए0एस0

सचिव¸उत्तर प्रदेश शासन

उद्योग विभाग

सेवा में¸

समस्त जिलाधिकारी

लखनऊ¸

दिनांक 22 जनवरी 2018

विषय : खनन नियमावली में संशोधन

महोदय¸

मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के उपखनिज-क्षेत्रों के दोहन हेतु उन्हें नीलामी सह निविदा प्रणाली पर दिये जाने के स्थान पर पट्टा प्रणाली लागू करने का निर्णय किया है। नदी¸नालों के उपखनिजों के पट्टे सामाजिक एवं शेक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों मल्लाह¸बिन्द¸निषाद जो परम्परागत रूप से इस कार्य में लगे हैं¸- को खनन पट्टा प्रणाली से स्वीकृत किये जायेंगे।

अवैध रूप से खनन करने वालों अथवा खनन माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिला-प्रशासन की होगी।

पट्टा देते समय गत तीन वर्षों से प्राप्त औसत आय अथवा प्राप्त अधिकतम आय¸ जो भी अधिक हो¸ को 15 प्रतिशत बढ़ाकर पट्टा धनराशि का निर्धारण किया जायेगा। एक व्यक्ति को एक से अधिक पट्टा स्वीकार नहीं किया जाएगा। मशीनों का उपयोग भी प्रतिबंधित होगा। खनन पट्टों की अवधि सामान्यतः तीन वर्ष से पाँच वर्ष होगी। पट्टे का नवीनीकरण केवल एक बार इतनी ही अवधि के लिए हो सकता है।

आपसे अनुरोध है कि खनन-पट्टा सम्बन्धी नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।

भवदीय

प्रभुदयाल

सचिव

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