Hindi, asked by yutendrakoushal, 5 hours ago

शासन की लाभप्रद योजनाओं का आकलन आपके गांव या शहर में जो लागू हो​

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Answered by pandeydevannshi
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Answer:

उद्यमियों/स्वसहायता समूहों/अशासकीय संस्थाओं को सहयोग :-

हाथकरघा एवं हस्तशिल्प उद्योगों से संबंधित व्यक्तियों, उद्यमियों, स्वसहायता समूहों एवं अशासकीय संस्थाओं इत्यादि को नवीन एवं कौशल उन्नयन प्रशिक्षण , डिजाइन विकास, उत्पाद परिवर्तन/परिवर्धन, विपणन एवं निर्यात से जुडी हुई गतिविधियों तथा उद्योग के उत्थान के लिये यह योजना लागू की गई है ।

इस योजना के स्थान पर भारत शासन द्वारा नवीन स्वास्थ्य बीमा योजना लागू किया जाना प्रस्तावित किया गया है । योजना में राज्यांश की (25 प्रतिशत) राशि की सहमति संसूचित की गई है ।

. कबीर बुनकर पुरूस्कार योजना :-

उत्कृष्ट हाथकरघा वस्त्र उत्पादन करने वाले दो बुनकरों को समिति की अनुशंसा निर्णय अनुरूप प्रथम रूपये 1,00,000/- द्वितीय रूपये 50,000/- पुरूस्कार, एवं तृतीय पुरूस्कार राशि रू. 25,000/- तथा प्रतीक चिन्ह प्रदान करने का प्रावधान है।

अनुसंधान एवं विकास योजना :-

हाथकरघा क्षेत्र में नवीन अनुसंधान/विकास कार्य नमूनो का निर्माण इत्यादि कार्यो के लिए राज्य स्तरीय स्टेयरिेंग कमेटी के अनुमोदन अनुसार सहायता निगम, संघ एवं समितियों को स्वीकृत की जाती है । यह योजना भी संचालनालय स्तर से संचालित की जाती है ।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग मुम्बई ( सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा संचालित इस योजना की क्रियान्वयन एजेंसी मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड है।

नए स्वरोजगार उद्यमों/परियोजनाओं/सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन करना ।

व्यापक रूप से दूर-दूर अवस्थित परम्परागत कारीगरों/ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को एक साथ लाना और जहां तक संभव हो, स्थानीय स्तर पर ही उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करना ।

देश के परम्परागत और संभावित कारीगरों, ग्रामीण तथा शहरी बेरोजगार युवाओं को निरंतर और दीर्घकालिक रोजगार उपलब्ध कराना ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर उनका पलायन रोका जा सके ।

कारीगरों की पारिश्रमिक अर्जन क्षमता बढ़ाना और ग्रामीण तथा शहरी रोजगार की विकास दर बढ़ाने में योगदान करना ।

6. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना

ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जीवन यापन करने वाले कारीगर/शिल्पियों/उधमियों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने एवं विपणन हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।

कारीगर प्रशिक्षण योजना

प्रदेश में निवासरत परम्परागत/गैर परम्परागत हितग्राहियों को स्वयं के रोजगार स्थापना के पूर्व, प्रशिक्षण प्रदाय कर कौशल उन्नयन/तकनीकी दक्षता का विकास कराना ।

Explanation:

●ये सभी योजनाएं मध्य प्रदेश की है आप अपने क्षेत्र की योजनाएं लिखें तो ज्यादा बेहतर होगा।

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