CBSE BOARD XII, asked by mahantjiya177, 2 months ago

शासन की लाभप्रद या योजनाओं का आंकलन आपके गांव या शहर में लागू है योजना का नाम2021का ​

Answers

Answered by pandeydevannshi
0

Answer:

.●उद्यमियों/स्वसहायता समूहों/अशासकीय संस्थाओं को सहयोग :-

हाथकरघा एवं हस्तशिल्प उद्योगों से संबंधित व्यक्तियों, उद्यमियों, स्वसहायता समूहों एवं अशासकीय संस्थाओं इत्यादि को नवीन एवं कौशल उन्नयन प्रशिक्षण , डिजाइन विकास, उत्पाद परिवर्तन/परिवर्धन, विपणन एवं निर्यात से जुडी हुई गतिविधियों तथा उद्योग के उत्थान के लिये यह योजना लागू की गई है ।

इस योजना के स्थान पर भारत शासन द्वारा नवीन स्वास्थ्य बीमा योजना लागू किया जाना प्रस्तावित किया गया है । योजना में राज्यांश की (25 प्रतिशत) राशि की सहमति संसूचित की गई है ।

● कबीर बुनकर पुरूस्कार योजना :-

उत्कृष्ट हाथकरघा वस्त्र उत्पादन करने वाले दो बुनकरों को समिति की अनुशंसा निर्णय अनुरूप प्रथम रूपये 1,00,000/- द्वितीय रूपये 50,000/- पुरूस्कार, एवं तृतीय पुरूस्कार राशि रू. 25,000/- तथा प्रतीक चिन्ह प्रदान करने का प्रावधान है।

●अनुसंधान एवं विकास योजना :-

हाथकरघा क्षेत्र में नवीन अनुसंधान/विकास कार्य नमूनो का निर्माण इत्यादि कार्यो के लिए राज्य स्तरीय स्टेयरिेंग कमेटी के अनुमोदन अनुसार सहायता निगम, संघ एवं समितियों को स्वीकृत की जाती है । यह योजना भी संचालनालय स्तर से संचालित की जाती है ।

●. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग मुम्बई ( सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा संचालित इस योजना की क्रियान्वयन एजेंसी मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड है।

नए स्वरोजगार उद्यमों/परियोजनाओं/सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन करना ।

व्यापक रूप से दूर-दूर अवस्थित परम्परागत कारीगरों/ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को एक साथ लाना और जहां तक संभव हो, स्थानीय स्तर पर ही उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करना ।

देश के परम्परागत और संभावित कारीगरों, ग्रामीण तथा शहरी बेरोजगार युवाओं को निरंतर और दीर्घकालिक रोजगार उपलब्ध कराना ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर उनका पलायन रोका जा सके ।

कारीगरों की पारिश्रमिक अर्जन क्षमता बढ़ाना और ग्रामीण तथा शहरी रोजगार की विकास दर बढ़ाने में योगदान करना ।

●. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना

ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जीवन यापन करने वाले कारीगर/शिल्पियों/उधमियों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने एवं विपणन हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।

●कारीगर प्रशिक्षण योजना

प्रदेश में निवासरत परम्परागत/गैर परम्परागत हितग्राहियों को स्वयं के रोजगार स्थापना के पूर्व, प्रशिक्षण प्रदाय कर कौशल उन्नयन/तकनीकी दक्षता का विकास कराना ।

●मुख्यमंत्री स्व् रोजगार योजना :-

मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना के अंतर्गत प्रदेश के हाथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र में कार्यरत बुनकर/शिल्पियों को स्व-रोजगार स्थापित करने हेतु राशि रूपये 20 हजार से राशि रूपये 10 लाख तक की सहायता बैकों के माध्यम से ऋण के रूप में स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। योजना में सामान्य वर्ग हेतु 15 प्रतिशत (अधिकतम रूपये एक लाख) एवं बी.पी.एल/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग (क्रीमीलेयर को छोड़कर)/महिला/अल्पसंखयक/निःशक्त जन हेतु 30 प्रतिशत (अधिकतम दो लाख) तक मार्जिन मनी सहायता स्वीकृत की जाती है। इस योजना के अंतर्गत परियोजना लागत पर 5 प्रतिशत की दर से (अधिकतम 25 हजार प्रतिवर्ष) ब्याज अनुदान अधिकतम 7 वर्षो तक देय होगा। इस योजना के अंतर्गत गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 7 वर्ष तक देय होगा।

● मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना :-

मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत प्रदेश के हाथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र में कार्यरत बुनकर/शिल्पियों को स्व-रोजगार स्थापित करने हेतु अधिकतम राशि रूपये 20 हजार तक की सहायता बैकों के माध्यम से ऋण के रूप में स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। आवेदक बी.पी.एल. का होना अनिवार्य होगा। आवेदन दिनांक को हितग्राही की आयु सीमा 18 से 55 वर्ष के मध्य हो। इस योजना में परियोजना लागत अधिकतम 20 हजार होगी। परियोजना लागत पर 50 प्रतिशत अधिकतम रूपये 10,000 मर्जिन मनी सहायता दिये जाने का प्रावधान है।

Explanation:

ये सभी मध्य प्रदेश की योजनाएं हैं।

Answered by sahuhumesh116
1

Answer:

zxcvbnmsdgjklagjlw to et up as to as

Similar questions