शिशु को बाहरी संसार से मिलाने में माँ की क्या भूमिका होती है?
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शिशु को बाहरी संसार से मिलाने में मां की बहुत ज्यादा अहम भूमिका होती है मां अपने बच्चे को इस संसार से परिचित कराने के लिए अनेक प्रकार के शब्दों का उपयोग करती है जैसे वह देखो चंदा मामा यह देखो यह है यह देखो पेड़ है यह देखो पत्थर है इन पत्थरों से खेलो इत्यादि मां अपने बच्चे को इस संसार से मिलाने के लिए बहुत प्रकार की खुशी से करती है उन्हें प्रकार की शब्द सिखाती हैं जिनका उपयोग कर वह अच्छे से बोलना सीख सकें बच्चे को हाथ पैर के पकड़कर चलना सिखाती है उससे बहुत प्रकार की चीजें सीख आती है बच्चा मां के बगैर कुछ नहीं सीख सकता बच्चे के लिए मां की भूमिका क्या हो सकती है यह आप भली-भांति समझ सकते हैं क्योंकि आप भी एक बच्चे थे और आपकी मां आप को कैसे बोलना सिखाए यह आप सोच कर बहुत प्रफुल्लित होंगे कि मेरी मां भी ऐसे ही सिखाती थी कि बोलो बेटा मम्मा दादा दादी मामा का की मौसी चाची चाचा नानी नाना काका पापा अंकल एवं अनेक शब्द
धन्यवाद