Hindi, asked by mohammedraiz7493, 9 months ago

शीश पर गंगा हं से भजनी भुजंगा हंसे हाथ ही को दंगा भयो नंगा के विवाह में यह कौन सा रस है

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Answered by romeo11123
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Answer:

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Answered by bhatiamona
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पूरा प्रश्न इस प्रकार है।

मणि खोये भुजंग-सी जननी, फन सा पटक रही थी शीश

अन्धी आज बनाकर मुझको, किया न्याय तुमने जगदीश​

कौन सा रस है।

रस का भेद : करुण रस

व्याख्या :

इन पक्तियों में ‘करुण रस’ की उत्पत्ति हो रही है। क्योंकि पंक्ति में  दुख का भाव प्रकट हो रहा है।

करुण रस में किसी अपने प्रियजन के वियोग या अन्य किसी प्रकार की हानि अथवा प्रियतम से बिरह आदि के कारण जो दुख एवं वेदना उत्पन्न होती है, वहाँ करुण रस प्रकट होता है।

करुण रस का स्थाई भाव होता है और इसके अनुभाव छाती पीटना, गहरी सांस छोड़ना, लेना, लोटना, भूमि पर पछाड़ खाकर गिरना, विलाप करना आदि है।

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