Political Science, asked by soubhagyabadai, 8 months ago

शेष- भाषा परिष्कृत प्राजंल, ओज गु
कता है।
हुंकारों से महलों की नींद उखड़ जाती
साँसों के बल से ताज हवा में उड़ता है
जनता की रोके राह समय में ताब क
वह जिधर चाहती, काल उधर ही मुड़
पर्वानमार​

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Answered by dl07670010318
1

Answer:

hdh

dgebgs5rrxyfrgeysydgdyeydydgegegeyeuejehty

Answered by natasha81364
1

Answer:

I can't understand

I am sorry

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