शाषकद।
रूस
ख. निम्नलिखित गद्याश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखें:
सुबह के दस बजे थे। साइकिल की टिन्-टिन् आवाज आ रही थी। खाकी कपड़े पहने, कन्धे
पर एक थैला लटकाए एक व्यक्ति प्रत्येक घर में जा रहा था। फिर वह हमारे घर की ओर
आया और पत्र के बक्से में दो-तीन पत्र डाल दिए। पिता जी ने बताया कि चाहे गरमी हो या
सरदी, धूच हो या बरसात डाकिया हमेशा इसी तरह दो-तीन बार पत्र बाँटने आता है। जो चिट्ठी
हम लाल रंग के पोस्ट-बाक्स में डाल देते हैं उन्हें भी यह डाकिया नियमित रूप से निकालता
है। उसके बाद उनको वह डाकखाने ले जाता है। जहाँ उस पर ठप्पा लगाकर, उन्हें भेज दिया
जाता है। इस तरह चिट्ठी भेजने और पहुँचाने दोनों में ही डाकिया हमारी बहुत मदद करता है।
क. साइकिल पर कौन आता है?
ख. वह क्या करता है? बस
ग. क्या सरदी-गरमी ऋतुओं के नाम है?
घ चिट्ठी कैसे भेजी जाती है?
ङ. इस अपठित गद्याश का शीर्षक दीजिए।
को
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