शोषण के खिलाफ आवाज उठाना और प्रतारना को सहना आपके अनुसार कहाँ तक सही है पाठ दो बैलों की कथा कक्षा 9 के आधार पर स्पष्ट करें
Answers
Answer: शोषण और प्रताड़ना के खिलाफ सदैव आवाज उठानी चाहिए। यदि आप शोषित होते रहेंगे और प्रताड़ना को सहन करते रहेंगे तो आपके विरोधी को प्रताड़ित करने का लगातार अवसर प्राप्त होता रहेगा । इससे ना केवल उसकी वृत्ति दूषित होती रहेगी अपितु आपको भी कायर समझा जाएगा । आप सदैव अपने विरोधी के गुलाम बने रहेंगे । वस्तुत: आपका अपना एक स्वतंत्र अस्तित्व है और उस अस्तित्व की स्वतंत्रता की रक्षा करना आपका प्राथमिक दायित्व है । यदि कोई इस स्वतंत्रता को छीनने का प्रयत्न करता है तो उसका प्रतिकार अवश्य करें। शोषण और प्रताड़ना हिंसा के प्रकार हैं अतः इसे रोकने के लिए हमें पुरजोर कोशिश करनी चाहिए ।
Explanation:"दो बैलों की कथा" द्वारा प्रेमचंद ने परोक्ष रूप से इसी स्वतंत्रता को हासिल करने हेतु हीरा और मोती के अकाट्य संघर्ष को प्रस्तुत करते हुए पाठक को स्वतंत्रता तथा अस्मिता की रक्षा के लिए आंदोलन हेतु प्रेरित किया है ।